NEWS 99 रायगढ़। कलयुग में एक नवजात बालक को जब उसके अपनों ने ठुकरा दिया तब गांव की मितानिन ने उसका हाथ थामा। बच्चे के जन्म से लेकर उसकी मां की मृत्यु के बाद तक नवजात का साया बन खुद के बेटे की तरह उसकी सेवा की और उसके उज्जवल भविष्य के लिए अंत में उसे उन्नायक सेवा समिति को सौप दिया। वर्तमान में बच्चे को मातृनिलियम के अधीन सुरक्षित रखा गया है, जहां उसका उपचार जारी है।
दरअसल रायगढ़ जिले के छाल थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले कटाईपाली (सी) की एक गर्भवती महिला ने 19 दिन पहले मेडिकल काॅलेज रायगढ़ में एक नवजात शिशु को जन्म दिया। जन्म के दौरान बच्चे का वजन ढाई किलो था और वह स्वस्थ्य था, लेकिन मां की हालत बिगड़ी हुई थी। अस्पताल में जच्चा-बच्चा का उनके गांव की मितानिन सावित्री यादव ने उनकी सेवा की और खुद ही उनका इलाज कराया। अस्पताल से छुटटी होने पर जच्चा-बच्चा घर पहुंचे तो उनके परिवार वालों ने उनका ध्यान नहीं रखा। जिससे पहले से कमजोर महिला ने दम तोड़ दिया जबकि नवजात शिशु भी दुबाल कर ढाई किलो से एक किलो तक पहुंच गया। यह मितानिन को देखा नहीं गया तो उसने नवजात के पिता से उसका अच्छे से ख्याल रखने की गुहार लगाई, लेकिन उसके पिता ने यह कह कर अपना हाथ पीछे खींच लिया कि उसके पहले से 6 छोटे-छोटे बच्चे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति भी काफी दयनीय है, ऐसे में अब वो नवताज को रख नहीं सकते। जिससे मितानिन सावित्रि यादव ने बच्चे के अच्छे परवरिश और उज्जवल भविष्य को देखते हुए इसकी जानकारी उन्नायक सेवा समिति को दी। इसके बाद बाल कल्याण समिति के सदस्य लक्ष्मी प्रसाद पटेल, उन्नायक सेवा समिति के संचालक सिद्धांत शंकर मोहंती, दत्तक ग्रहण एजेंसी से मीना जायसवाल और किरण मिंज कटाइपाली पहुंचे और बच्चे को अपने संरक्षण में लिया गया।
टीम ने मितानिन के नेक कार्य की सराहना की और बच्चे को रायगढ़ लेकर पहुंचे। अभी बच्चे की हालत ठीक है और उसे मातृनिलियम में रखा गया है। नवजात को लाने में जिला कार्यक्रम अधिकारी एल आर कश्यप, जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रकाश कुमार ठाकुर, पैरा वैलिंटियर छाल मौसमी शर्मा, गूंज कुंवर (एएनएम), ममता राठिया (एमटी), शुकवारा साहू (एसपीएस),देवकी राठिया (सरपंच), संतराम राठिया (उपसरपंच), यादराम डनसेना (रोजगार सहायक) आदि की अहम भूमिका रही।