NEWS 99 रायगढ़। गर्मी बढ़ते ही जंगल में दावानल की घटनाएं देखने को मिलती है, लेकिन पिछले दिनों मौसम के बदलाव के कारण जंगल में आग लगने की घटनाएं कम हो रही थी, पर अब तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। ऐसे में दावानल की घटनाएं फिर से सूनने व देखने को मिल रही है। बुधवार की सुबह से गजमार पहाड़ के जंगल में आग की लपटे देखी गई, लेकिन वह शाम होते होते बढ़ गई और दूर से पहाड़ के जंगल में लगे आग को देखा जा रहा था। वहीं आग की सूचना मिलते ही भले ही वनकर्मी मौके पर पहुंच गए, लेकिन आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका था, पर अधिकारियों का वही रटा रटाया शब्द कह दिया जाता है कि आग पर काबू पा लिया गया है। गुरूवार की सुबह भी आग के कारण निकलने वाला धुंआ देखा जा रहा था। हांलाकि इसे बुझाने का प्रयास किया जा रहा था, पर शाम ढलने के बाद नवपाली की ओर पहाड़ में फिर आग देखा गया। इसके अलावा गुरूवार को जमांगा सर्किल में भी दावानल की घटना घटित होने की बात कही जा रही है। लगातार इस तरह दावानल की घटनाओं से विभाग के दावों की भी पोल खुलती नजर आ रही है।
धू धू कर जल रहे जंगल
अग्नि सुरक्षा के नाम पर विभाग द्वारा कई तरह के दावे किए जाते हैं, लेकिन अब उन दावों की पोल खुलने लगी है। जबकि जंगल में आग न लगे इसके लिए पहले फायर लाईन कटाई व हर बीट में फायर वाचर रखा जाता है, लेकिन प्रारंभ में इस तरह का कुछ खास देखने को नहीं मिला। जिसका नतीजा है कि अब जंगल धू धू कर जल रहा है।
यह होता है नुकसान
विभागीय जानकारों की माने तो जंगल में आग लगने से कई तरह के नुकसान होते हैं। जिसमें प्रमुख रूप से यह होता है कि छोटे बड़े वन्यप्राणी आग की वजह से विचलित हो कर आसपास के आबादी क्षेत्रों तक पहुंच जाते हैं फिर वे षिकारियों का षिकार भी बन सकते हैं। इसके अलावा पक्षियांें के अंडे व छोटे कीड़े इसकी चपेट में आ जाते हैं। साथ ही पेड़ व बांस भी झुलस जाते हैं और मिट्टियों की उर्वरा षक्ति भी प्रभावित होती है।
अधिकारी नहीं जाते जंगल- माझापारा समिति अध्यक्ष
माझापारा वन प्रबंधन समिति के अध्यक्ष यादराम का कहना है कि जंगल में बुधवार से गजमार पहाड़ में आग लगा है, लेकिन इसकी सुध लेने के लिए न तो रेंजर जंगल जाते हैं और न ही विभाग के कोई अन्य अधिकारी। ऐसे में जंगल जलते रहता है। रात में भी जंगल का आग दूर से देखा जा रहा था। वहीं उनका यह भी कहना है कि पूर्व में समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों की पूछपरख होती थी। कार्यषाला में सभी को बुलाया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। बल्कि विभाग ने वन प्रबंधन समिति से दूर बना ली है।
आग पर पा लिया गया काबू- डीएफओ
वन मंडलाधिकारी स्टायलो मंडावी से जब गजमार पहाड़ में दावानल की घटना के संबंध में हमने मोबाईल पर चर्चा किया, तो उन्होंने बताया कि आग की सूचना मिलने के बाद तत्काल उसे बुझाने का प्रयास किया गया और आग पर काबू पा लिया गया है। घासफुस ही जले हैं और कोई नुकसान नहीं हुआ है।