News 99 रायगढ़। लोकप्रिय आदिवासी नेता एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और रायगढ़ विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी का पदभार ग्रहण करने के पश्चात् प्रथम रायगढ़ आगमन 27 दिसंबर बुधवार को हुआ। इस अवसर को ज्यादा यादगार बनाने के लिए, वरिष्ठ भाजपा नेता श्रीराम मंदिर रायपुर के उपाध्यक्ष एवं रामदास द्रौपदी फाउंडेशन के चेयरमैन सुनील रामदास द्वारा उनके भव्य स्वागत के लिए गांधी प्रतिमा चौक को भव्य ढंग से सजाया गया था। इस समारोह में, सुनील रामदास द्वारा मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी को लड्डूओं से तौला गया। इस सभा में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को देखने-सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोक उमड़ पड़े थे।
इस समारोह में, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और रायगढ़ विधायक एवं कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी का स्वागत अनोखे ढंग से किया गया, जहां उन्हें लड्डुओं से तौला गया। यह भारतीय परंपरा सम्मान और आदर देने की एक प्रतीक है। समारोह में बड़ी संख्या में नागरिकों ने भाग लिया, जो मुख्यमंत्री को सुनने और उनसे मिलने के लिए उत्सुक और उत्साहित थे। यहाँ पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी ने हजारों लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। उनके एक झलक पाने के लिए लोग बहुत उत्साहित थे।
सुनील रामदास ने जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी को लड्डुओं से तौला जाएगा, इसकी सूचना जब नगर एवं क्षेत्र वासियों को दी, तो भारी संख्या में लोग पहुँचने लगे। गौरीशंकर मंदिर चौक होते हुए जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी का काफिला गांधी प्रतिमा चौक पहुँचा तब वहाँ का वातावरण हर्ष एवं उल्लास से परिपूर्ण हो गया था। जनता ने जयघोष के नारे लगाकर अपने लोकप्रिय मुख्यमंत्री के प्रति अपना सम्मान प्रकट किए।
सुनील रामदास ने मंच से कहा कि हम सब रायगढ़ वासियों के लिए सौभाग्य की बात कि रायगढ़ लोकसभा से 4 बार सांसद रहे विष्णु देव साय जी को भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री चुना है। कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी ने रायगढ़ सीट से भारीमतों से जीत हासिल करके रायगढ़ की धरती का मान बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त सुनील रामदास ने कहा कि इन दोनों ही नेताओं के राज्य के शीर्ष राजनीतिक पदों तक पहुँचने की यात्रा अत्यंत प्रेरणादायी है तथा उनके नेतृत्व में रायगढ़ सहित समूचा छत्तीसगढ़ विकास की नई कहानी लिखेगा। कार्यक्रम में अनेक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे, जिससे इस आयोजन का महत्व और भी बढ़ गया।