News 99 रायगढ़। जिला आयुर्वेद चिकित्सालय रायगढ़ में हर दिन ओपीडी में कम से कम 125-150 मरीज आते हैं और उचित परामर्श उपरांत इलाज प्राप्त करते हैं। बीते कुछ वर्षों में आयुर्वेद के प्रति लोगों का रुझान बहुत बढ़ा है। यहां हर प्रकार के मरीज आते हैं पर विशेषकर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, उदर रोग, सायटिका, जोडों में दर्द, चर्म रोग से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित मरीजों की संख्या बहुतायत रूप में रहती है। इन सभी बीमारियों का आयुर्वेद में निरापद चिकित्सा उपलब्ध है।
इन उपरोक्त बीमारियों के अलावा हाल ही में एक पक्षाघात (लकवा) जैसे कष्ट साध्य व्याधि में त्वरित परिणाम देने का कारण जिला चिकित्सालय रायगढ़ बना । चांदमारी, रायगढ़ के रहने वाले 55 वर्षीय रेशम लाल को अचानक लकवा हुआ जब वो हॉस्पिटल आये तो दो लोगों के सहारे व्हील चेयर पर बैठा कर लाये गए थे। आयुर्वेद निदान, शमन, एवं पंचकर्म चिकित्सा से मात्र 4 दिन में ही 75 प्रतिशत परिणाम प्राप्त हो गया और अपने पैरों से चलने में समर्थ हो गये और एक माह के ईलाज उपरान्त 90% स्वस्थ होने के बाद पुनः डयूटी में उपस्थित होकर अपना सामान्य जीवन जी रहे हैं।
जिला आयुर्वेद चिकित्सालय रायगढ़ में पदस्थ डॉ रविशंकर पटेल (एम•डी•) कायचिकित्सा का कहना है कि आयुर्वेद के बारे जनमानस की धारणा बनी हुई है कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से बीमारी धीरे-धीरे ठीक होती है, लेकिन ऐसा कहना बिल्कुल ठीक नही है यदि व्याधि का समुचित निदान हो तो आयुर्वेद चिकित्सा से भी सभी व्याधियों में त्वरित परिणाम प्राप्त किया जा सकता है जिसका लकवाग्रस्त उपरोक्त मरीज एक प्रत्यक्ष उदाहरण है।
जिला आयुर्वेद चिकित्सालय रायगढ़