सारंगढ़। गोमर्डा अभ्यारण्य में वन अपराध करने वालों की खैर नहीं है। क्योंकि विभागीय अमला पूरी तरह चुस्त और दुरूस्थ है। यही कारण है कि पिछले दिनों गोमर्डा के बटाउपाली परिसर में साम्हर का शिकार करने वालें सभी आरोपियों को वन अमला ने धरदबोचा है। पहले मुख्य आरोपी को गिरफतार किया गया था। बाद में मामले की जांच करते हुए सभी तेरह शिकारियों को पकड़ा गया है। मामले में आरोपियों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर न्यायलय में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराया गया है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक गोमर्डा अभ्यारण्य सारंगढ़ परिक्षेत्र के अन्तर्गत बटाऊपाली परिसर के कक्ष क्र. 930 पीएफ में छह नवंबर को साम्हर का शिकार किया गया था। जिसकी जानकारी वन अमला को लगी तो मामले में डीएफओ गणेश यूआर के निर्देशानुसार एसडीओ कृषाणु चंद्राकर के मार्गदर्शन में मुख्य आरोपी कैलाश पटेल को पकड़ा गया।
इसके बाद बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी थी। जहां कुछ दिन बाद फरार आरोपी दयानिधि पिता अधनू बरिहा निवासी रेंगलमुड़ा को धर दबोचा गया। इसके बाद लगातार मामले में अन्य फरार आरोपियों की जांच की जा रही थी। जहां बुधवार को रामकुमार पिता भागीरथी पटेल, डिलेश्वर पिता कलपराम अघरिया, मनोहर पिता पुनितराम, बालकुमार पिता बालक राम अघरिया, यादराम पिता बोहरन निषाद, गंगधर पिता कोन्दा साहू, उत्तम पिता ध्वजाराम बिंझवार, पदुम पिता धनेश साहू, महेन्द्र पिता शिवलाल यादव, लक्ष्मण पिता पदुमलाल यादव, मुनुदाउ पिता सुखरू चैहान को गिरफतार किया गया। जिन्हें न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड में जेल दाखिल किया गया है। डीएफओ गणेश यूआर के निर्देशानुसार एवं गोमर्डा अधीक्षक कृषाणु चंद्राकर के मार्गदर्शन में फरार सभी शिकारियों को धरदबोचने में प्रभारी रेंजर राजू प्रसाद सिदार, वनपाल रघुनाथ यादव, वनपाल मंगल निषाद, वनपाल राजेन्द्र सिंह, वनरक्षक कुलदीप सिंह बरगाह, वन रक्षक खगेश्वर प्रसाद रात्रे, वन रक्षक मिथलेश दास महंत, सहयोगी सेवानिवृत कर्मचारी लुकदेश्वर सिंह ठाकुर की अहम भूमिका रही।
लगातार की जा रही मानिटरिंग
गोमर्डा अभ्यारण्य में काफी मात्रा में वन्यप्राणी हैं और इनकी सुरक्षा के लिए लगातार वन अमला मानिटरिंग कर रहा है। संबंधित परिसर रक्षक नियमित रूप से बीट का भ्रमण करते हुए वन अपराधों को रोकने जंगल गश्त कर रहे हैं, लेकिन मौका पाते ही शिकारी भी घटना को अंजाम दे जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका। शिकार होने के बाद तत्काल बाद मुख्य आरोपी को वन अमला ने गिरफतार किया। इसके बाद फरार सभी शिकारियों को धरदबोचने में बड़ी सफलता हासिल की गई है।