Monday, December 23, 2024

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Raigarh news : रायगढ़ लोकसभा में राधेश्याम से होगा मेनका का मुकाबला,  दोनों में कड़ा मुकाबला होने के आसार   इस सीट से भाजपा लगातार 5 बार जीत चुकी है चुनाव

NEWS 99 रायगढ़। Raigarh news छत्तीसगढ़ का रायगढ़ लोकसभा सीट जनजाति वर्ग के लिये आरक्षित सीट है। इस सीट पर वैसे तो सारंगढ़ और जशपुर राज परिवार के सदस्यों या उनका वरदहस्त प्राप्त प्रत्याशियों का परचम लहराता रहा है। यहां पर कमोवेश कांगे्रस और भाजपा बारी-बारी से एक दूसरे को पटखनी देते रहे हैं मगर पिछले पांच लोकसभा चुनावों में इस सीट पर भाजपा ने अपना दबदबा स्थापित किया है।

जनजाति आदिवासी वर्ग के लिये आरक्षित छत्तीसगढ़ के रायगढ़ लोकसभा सीट पर प्रमुख रूप से कांगे्रस और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होती रही है। इनमें से जो भी पार्टी उस दौर में जातिगत समीकरण को साधने में सफल रही उस पार्टी के प्रत्याशी के सिर जीत का सेहरा सजता रहा है। पिछले पांच लोकसभा चुनावों 1999 से अब तक में यहां भाजपा जातिगत समीकरणों को साधने में सफल रही है परिणाम स्वरूप जशपुर राज परिवार से वरदहस्त प्राप्त भाजपा प्रत्याशियों ने यहां से लगातार पांच बार जीत दर्ज की है।

भाजपा  प्रत्याशी राधेश्याम राठिया
भाजपा ने रायगढ़ लोकसभा सीट में एक बार फिर से प्रत्याशी बदलकर धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र से राधेश्याम राठिया को प्रत्याशी बनाया है। राधेश्याम राठिया घरघोड़ा ब्लाक स्थित छर्राटांगर में रहने वाले और घरघोड़ा जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष तथा जिला पंचायत के पूर्व सदस्य के साथ-साथ अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष हैं और आदिवासी इलाके में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। इस लिहाज से इस लोकसभा चुनाव में राधेश्याम राठिया की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।

कांग्रेस  प्रत्याशी मेनका सिंह
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए आज प्रदेश के बाकी बचे चार प्रत्याशियों की भी घोषणा कर दी है। जिसके तहत कांगे्रस ने रायगढ़ लोकसभा सीट से डाॅ मेनका सिंह को प्रत्याशी बनाया है। सांसद प्रत्याशी श्रीमती मेनका सिंह सारंगढ़ राज घराने से है और वह पूर्व सांसद व सारंगढ़ रियासत की राजकुमारी पुष्पा देवी सिंह की छोटी बहन है, इसके अलावा साहित्यकार व वरिष्ठ कांगे्रस नेता डाॅ. परिवेश मिश्रा की पत्नी है। साथ ही साथ कांगे्रस नेत्री कुलिषा मिश्रा की माता है। मेनका सिंह रायगढ़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र 2014-20 में उन्होंने उपाध्यक्ष, जिला कांगे्रस कमेटी, रायगढ़ और धरमजयगढ़ के प्रभारी के रूप में भी कार्य किया। इस लिहाज से देखा जाये तो इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांगे्रस में कडी टक्कर की संभावना बनी हुई है।

रायगढ़ लोकसभा सीट पर एक नजर

रायगढ़ लोकसभा सीट पर पिछले चार दशकों से जशपुर व सारंगढ़ राज परिवार किंग मेकर की भूमिका में रहा है। यदि पिछले दस लोग सभा चुनावों पर नजर डालें तो 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से कांगे्रस की पुष्पा देवी सिंह ने जीत दर्ज की। वे सारंगढ़ राज परिवार की सदस्य हैं। पुष्पा देवी ने 1984 के लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज की। मगर 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में जशपुर राज घराने के कुमार दिलीप सिंह जूदेव का वरदहस्त प्राप्त नंदकुमार साय ने जीत दर्ज की। मगर 1991 के चुनाव में पुष्पा देवी सिंह एक बार फिर सांसद बनी। तो 1996 में भाजपा के नंदकुमार साय यहां से सांसद रहे। 1998 के चुनाव में कांगे्रस के अजीत जोगी ने रायगढ़ लोकसभा सीट से कांगे्रस उम्मीदवार के रूप में पहली बार जीत दर्ज की और यहां के सांसद बने। मगर इसके बाद 1999 से लेकर 2014 तक इस सीट पर भाजपा का कब्जा रहा और भाजपा के विष्णुदेव साय चार बार यहां के सांसद रहे। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर गोमती साय को मैदान में उतारा और उन्होंने यहां से जीत दर्ज कर अपने संसदीय जीवन की शुरूआत की।

कंवर जनजाति प्रत्याशियों को सात बार प्रतिनिधित्व का मौका
रायगढ़ लोकसभा सीट के जातियों पर नजर डालें तो रायगढ़ लोकसभा सीट में भी प्रमुख रूप से कंवर, उरांव और गोंड जनजाति के लोग बहुलता से निवास करते हैं इनमें से गोंड जनजाति को इस सीट से चार बार प्रतिनिधित्व मिला है जबकि कंवर जनजाति के प्रत्याशियों को यहां से सात बार प्रतिनिधित्व मिला है। मगर तीसरे उरांव जनजाति को यहां से एक बार भी प्रतिनिधितव नही मिल सका है। इसका कारण यह माना जाता है कि इस समाज में धर्म परिवर्तन के कारण इस लोकसभा सीट में उनकी संख्या काफी कम होनें के कारण उन्हें अपेक्षित महत्व नही मिला है।

रायगढ़ लोकसभा सीट में भाजपा की स्थिति मजबूत
रायगढ़ लोकसभा सीट से जीत की बेहतर संभावनाओं के बावजूद भाजपा यहां जातिगत समीकरण बिठाने में कोई कोर कसर नही छोड रही है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय इस लोकसभा सीट से चार बार सांसद रह चुके हैं जो कंवर जनजाति से आते हैं। वहीं दूसरी ओर गोंड जनजाति से रायगढ़ राज घराने के कुंवर देवेन्द्र प्रताप सिंह को थाली में सजाकर राज सभा सांसद का पद नवाजा जा चुका है। इन समीकरणों के चलते तथा सांगठनिक मजबूती के कारण इस सीट पर एक बार फिर भाजपा का प्रभूत्व जमता दिख रहा है।  वर्तमान राजनैतिक परिस्थिति पर नजर डालें तो रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 8 विधानसभाओं में चार पर भाजपा व चार पर कांगे्रस काबिज है। यह लोकसभा तीन जिलों रायगढ़, जशपुर व सारंगढ़ तक फैली हुई है।

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