रायगढ़। गोमर्डा अभ्यारण्य घने जंगलों से गिरा हुआ है और यहां वन्यप्राणियो की भरमार है। ऐसे में पिछले कुछ सालों से हाथियों के दल का अभ्यारण्य क्षेत्र में मौजूदगी देखी जा रही है। इन दिनों लगभग 24 हाथी का दल विचरण कर रहा है। जहां बुधवार को एक हाथी का शावक कीचड़ में फंस गया। जिससे वह निकलने में असमर्थ रहा और जब तक हाथी ट्रेकर व विभाग रेस्क्यू कर उसे बाहर निकलते तब तक उसकी मृत्यु हो गई। मामले में विभाग द्वारा आगे की कार्रवाई की जा रही है।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र में लगभग 24 हाथी का दल विचरण कर रहा है। जहां बुधवार को एक हाथी शावक जिसकी उम्र लगभग तीन से पांच माह की बताई जा रही है। वह सीता तालाब के पास कक्ष क्रमांक 912 पीएफ में कीचड़ में फंस गया। जिसके बाद वह उसमे से निकलने में असमर्थ रहा। वहीं दूसरी ओर हाथी ट्रेकर लगातार हाथियों की ट्रेकिंग कर रहे थे। जहां उन्हें इसकी जानकारी हुई और उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी, लेकिन जब तक हाथी शावक का रेस्क्यू कर उसे बाहर निकाला जाता। तब तक कीचड़ में फंसने से हाथी शावक की मौत हो गई। इसके बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुए, तत्काल उसे बाहर निकाला गया और डॉक्टरों ने शावक के शव का पोस्टमार्टम किया। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया पूरी करते हुए विभाग द्वारा उसका अंतिम संस्कार कराया गया।
लगातार कर रहे मॉनिटरिंग
हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए सारंगढ़ वन मंडल के सभी अधिकारी व वनकर्मी अलर्ट मोड पर हैं। डीएफओ सारंगढ़ ने अधीनस्थ वनकर्मियों को गंभीरता से हाथियों व अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए निर्देशित किया है। ऐसे में हाथी ट्रेकरो द्वारा लगातार हाथियों के दल पर निगरानी की जा रही है। ताकि किसी प्रकार की न जनहानि हो सके और न ही हाथियों को कोई नुकसान हो। इसके अलावा वनकर्मियों द्वारा लगातार जंगल गश्त किया जा रहा है।
कीचड़ में फंसने से हुई मौत
इस संबंध में अधीक्षक गोमर्डा अभ्यारण्य कृष्ण चंद्रकार ने बताया कि सीता तालाब के पास कक्ष क्रमांक 912 में एक हाथी का शावक कीचड़ में फंस गया था। जिसके बाद वह निकलने में असमर्थ रहा। संभवतः इससे उसकी मृत्यु हुई है। शिकार की कोई संभावना नहीं है। फिलहाल पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा हो पाएगा। लगातार हाथी दल की निगरानी की जा रही है।